Infinite Flow

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Infinite flow

क्या ज़मीन क्या आसमां
क्या तुम क्या मैं

एक दिन मिल ही जाना हे
नहीं तो खुद में ही खो जा ना
समंदर की गहराइयो मुझे
या फिर आसमान की उछाइयो मुझे

फ़र्ज़ सिर्फ़ एक जीवन में
बहते रहो लहेरो की तरह
या बढ़ते-गर्जते रहो बादल की तरह